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इंसानों की तरह होते हैं आम, शांति और प्रेम से पनपते हैं: मैंगो मैन, देखें वीडियो

2025-06-05 17 Dailymotion

भारत के 'मैंगो मैन' से मिलिए वो मानते हैं कि आम भी इंसान की तरह होते हैं शांति और प्रेम के माहौल में फलते-फूलते हैं. आम किसे पसंद नहीं है. खास तौर से भारत में ऐसा कोई व्यक्ति मिलना मुश्किल है जिसे आम भाता न हो. उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद में रहने वाले हाजी कलीम उल्लाह खान का आम से प्यार और उससे लगाव कुछ अलग किस्म का है. अस्सी साल से ज्यादा उम्र के हो चुके हाजी कलीम उल्लाह ने अपनी पूरी जिंदगी इस खास फल के इर्द-गिर्द बिताई है. आम से इस खास रिश्ते की वजह से उन्हें 2008 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया. आमों से जुड़ी शायद ही कोई ऐसी बात होगी जो उन्हें न पता हो. तभी तो लोग उन्हें आमों पर चलता-फिरता एनसाइक्लोपीडिया कहते हैं. हाजी कलीम उल्लाह खान ने कई सालों तक आम की उन किस्मों को संरक्षित किया है जो विलुप्त होने के कगार पर थी. लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं है. लखनऊ के पास मलिहाबाद में उनके चार एकड़ के बगीचे में एक आम का पेड़ है जिस पर उन्होंने 300 से अधिक अलग-अलग किस्म के आम उगाए हैं.