सवाईमाधोपुर.भ्रष्ट अधिकारी व दलालों के खिलाफ आमजन को संदेश देने वाले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी)के अधिकारी ही घूस लेते रंगे हाथो पकड़े जाए तो आमजन किससे भरोसा करेगा। ऐसा ही मामला गत सोमवार को सामने आया है। एसीबी के अधिकारियों का ही मोटी रकम वसूलने पर ध्यान रहा, जबकि कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। हालात यह है कि सवाईमाधोपुर जिले में बीते तीन साल में हर साल भ्रष्ट अधिकारी-कार्मिकों पर चौथाई ही कार्रवाई हो सकी है।
जिले में भ्रष्ट दलाल सक्रिय होने व कुछ निजी व्यक्तियों को आगे रखने से भ्रष्ट दलालों को पकडऩा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) टीम के लिए भी अब टेढ़ी खीर साबित होता जा रहा है। हालात यह है कि पूरे जिले में 1 जनवरी से 20 मई तक केवल एक ही रिश्वत का मामला सामने आया है। जबकि साल 2024 में घूस लेने के 4 प्रकरण एसीबी के पास आए थे।
इन विभागों की सर्वाधिक आती है शिकायतें
एसीबी टीम के अनुसार बिजली, रेवेन्यू, पुलिस व अवैध बजरी का परिवहन खनन मामलों की सर्वाधिक शिकायतें आती है। इनमें भी अवैध बजरी परिवहन गलत तरीके से लेन-देन कर ट्रॉलियों को निकालने के मामले सामने आए है। दलालों के और सक्रिय होने की एसीबी को शिकायतें मिल रही हैं। इसके पीछे तात्कालीन एएसपी का हाथ रहा। इससे घूसखोरो को आसानी से मौका मिलता रहा।
साढ़े चार साल में दूसरा एएसपी ट्रेप
सवाईमाधोपुर में एसीबी के अधिकारियों को ट्रेप होने का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी 9 दिसम्बर को अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस पर ब्यूरो के ही तात्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भैरूलाल मीणा और सवाई माधोपुर में पदस्थ जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) को 80 हजार रुपए की घूस लेते और देते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। वहीं गत सोमवार को भी एसीबी के तात्कालीन एएसपी सुरेन्द्र कुमार शर्मा व दो प्राइवेट व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई का भय दिखाकर रिश्वत की राशि ले रहे थे। प्राइवेट व्यक्ति रामराम मीणा व प्रदीप उर्फ बंटी पारी दोनों एएसपी सुरेन्द्र शर्मा के लिए रिश्वत की राशि ला रहे थे।
पिछले तीन साल के आंकड़ों पर एक नजर...
वर्ष प्रकरण
2023 12
2024 4
2025 1